इस आर्टिकल में हम चर्चा करेंगे शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE ACT 2009 ) के बारे के RTE क्या है, उसका पूरा नाम क्या है (Full Form of RTE), कब बना, क्यों बना, कब लागु हुआ.. अदि शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE ACT 2009 ) जिसे शॉर्ट फॉर्म में आरटीई (RTE ) के नाम से भी जाना जाता है आरटीई अधिनियम कानून 2009 एक ऐतिहासिक कानून है जिसे भारत सरकार ने 2009 में बनाया था जिससे 1 अप्रैल 2010 से जम्मू कश्मीर को छोड़कर पूरे हिंदुस्तान में लागू किया गया यह एक बेहद ही ऐतिहासिक कानून है इस कानून के तहत 6 से 14 साल तक के बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का प्रावधान है शिक्षा का अधिकार अधिनियम यानी की RTE को मौलिक अधिकार के रूप में शामिल गया किया गया है मौलिक अधिकार जो संविधान का अनुच्छेद 12-35 तक विस्तृत चर्चा की गई है RTE, 86 वा संविधान संशोधन 2002 के जरिए से अनुच्छेद 21A को जोड़ा गया था जिसके तिहत शिक्षा का अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में फलस्वरूप वर्ष 2009 में आरटीई अधिनियम तैयार हुआ और इसे 1 अप्रैल 2010 में लागू किया गया
RTE Full Form
Full Form of RTE ⇒ Right to Education Act or The Right of Children to Free & Compulsory Education Act
Objective:
- To Provide Free & Compulsory Education to Every Child in the Age Group of 6 to 14 years as a Fundamental Right.
- Enacted: 4 August 2009
- Applicable: 10 April 2010 (Except in Jammu and Kashmir)
- Constitutional Amendment: By 86th in 2002
- Provisions under Article 21A
RTE Full Form in Hindi
शिक्षा का अधिकार अधिनियम या मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के लिए बच्चों का अधिकार अधिनियम
आरटीई का फुल फॉर्म (RTE Full Form in Hindi)
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act)
OR
मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के लिए बच्चों का अधिकार अधिनियम ( The Right of Children to Free & Compulsory Education Act)
मकसद: 6 से 14 साल के आयु वर्ग के प्रत्येक बच्चे को एक मौलिक अधिकार के रूप में मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना।
अधिनियमित: 4 अगस्त 2009
लागू: 10 अप्रैल 2010 (जम्मू और कश्मीर में नहीं)
संविधान संशोधन : 2002 में 86वां के दुवारा
अनुच्छेद 21A के तहत प्रावधान
What is RTE Act 2009 , क्यों इस कानून को बनाने की आवश्यकता पड़ी, इस कानून का क्या महत्व है
इस कानून को बनाने की आवश्यकता भारत में इसलिए की गई के हर बच्चे को उनका बुनियादी हक शुरुआती शिक्षा जोकि 6 से 14 वर्ष याने प्राइमरी शिक्षा के रूप में जाना जाता है कम से कम ऐसे शिक्षा से बच्चों को वंचित ना किया जाए उन बच्चों को यानी कि 6 से 14 साल के बच्चों के इस ग्रुप को एक मौलिक अधिकार मिले ताकि वह हक से कम से कम अपना बुनियादी प्राइमरी शिक्षा को हासिल कर सके
इससे उसके आने वाले भविष्य का बुनियाद हो सके पहले यह देखा जाता था कि छोटे-छोटे बच्चे पढ़ाई छोड़ कर काम में लग जाते थे भारत में इस तरह का कोई कानून नहीं था जिससे कि इन बच्चों को अपना मौलिक अधिकार मिल सके इस कानून के 6 से 14 साल के बच्चों को ना केवल एक शिक्षा का मौलिक अधिकार के तौर पर कानून मेला बलके शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी सुधार हुआ है यह कानून एक व्यापक कानून है इसमें सभी तरह के पारा मीटर को शामिल किया गया है जिससे कि शिक्षा में बुनियादी सुधार हो और बच्चों को उनके फाउंडेशन के तौर पर एक अच्छी क्वालिटी का प्राइमरी शिक्षा मिल सके और कोई भी बच्चा प्राइमरी शिक्षा से वंचित ना रह सके इसके लिए सभी तरह के गाइडलाइन बनाए गए हैं जैसे कि इंफ्रास्ट्रक्चर कैसा हो टीचर की क्वालिटी कैसा हो कितनी दूरी में स्कूल हो इन सभी बातों को विशेष रुप से ध्यान रखा गया है
RTE शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की मुख्य बातें विशेषताएं इस प्रकार है
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में पारित हुआ है
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम को 1 अप्रैल 2010 में लागू किया गया था जम्मू कश्मीर को छोड़कर
- 2002 संविधान का 86 वा संशोधन कर आर्टिकल 21A जोड़ा गया है इसके तहत शिक्षा को मौलिक अधिकार में शामिल किया गया है
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम में निशुल्क शिक्षा का प्रावधान है
- 6 से 14 साल के बच्चों को RTE अधिकार दिया गया है
- विकलांगता की स्थिति में उम्र की सीमा 6 से 18 वर्ष किया गया है
- प्राइवेट स्कूलों में ईडब्ल्यूएस इकोनॉमिक वीकर सेक्शन को 25% फ्री एडमिशन देने की प्रावधान है
- प्राथमिक स्तर पर स्टूडेंट शिक्षक का अनुपात 30 रेश्यो वन (30:1)होनी चाहिए
- प्राथमिक स्कूल घर से 1 किलोमीटर के दायरे के अंदर होनी चाहिए
- उच्च माध्यमिक बच्चों के घर से 3 किलोमीटर की डायरा के अंदर होनी चाहिए
- प्राइमरी स्तर पर 1 से 5 कक्षा वर्ष में कम से कम 200 दिन स्कूल खुला होनी चाहिए 6 से 8 तक की कक्षा मैं 220 कार्य दिवस होनी चाहिए
- कक्षा 1 से 5 तक प्रतिवर्ष कम से कम 800 घंटे पढ़ाई होनी चाहिए
- कक्षा 6 से 8 तक प्रतिवर्ष कम से कम 1000 घंटे पढ़ाई होनी चाहिए
- एक शिक्षक को 1 सप्ताह में कम से कम 45 घंटे काम करना होगा
- जिस स्कूल में 150 से अधिक बच्चे होंगे वहां पर 5 टीचर प्लस 1 हेड मास्टर की व्यवस्था की गई है
- कक्षा 1 से 5 तक स्टूडेंट टीचर का रेशियो 30 : 1 एवं कक्षा 6 से 8 तक स्टूडेंट टीचर का रेशियो कम से कम 35 :1 होनी चाहिए
शिक्षा का अधिकार अधिनियम में कुछ बातों को प्रतिबंध किया गया है ( Prohibited )
बच्चों को शारीरिक रूप से एवं मानसिक रूप से डंद नहीं देनी चाहिए
स्कूल चलाने के लिए रजिस्टर्ड कराना अनिवार्य होगा
उम्र के हिसाब से उसी क्लास में सीधे एडमिशन होगी कोई टेस्ट नहीं होगा
किसी भी प्रकार का एडमिशन शुल्क नहीं लिया जाएगा
गवर्नमेंट टीचर को प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाने से रोका गया है
बेनिफेट्स ऑफ़ RTE एक्ट 2009
इस एक्ट से बच्चों को फ्री शिक्षा मिल पाएगा
बच्चो का स्कील में दाखिला बड़ा
बुनयादी शिक्षा का मौलिक अधिकार बच्चों मिला
बल मजदूरी काम हुई
बच्चों का फोंडातीओं मजबूत होगा
बच्चे भविष्य में शिक्षा के जरिये अपना फ्यूचर निर्माण कर पायेंगे
आरटीई अधिनियम 2009 की आलोचना एवं कठिनाइया
कार्यान्वयन का अभाव
सुविधाओं की कमी
कार्यान्वयन का सुस्त रफ़्तार
शिक्षक एवं क्लास्सरूम की कमी
सरकारी स्कूल मानसिक रूप से कॉन्फिडेंस की कमी
अभिवावको की सरकारी स्कूल में काम रूचि का होना
कम सरकारी बजट
राज्यों का शिक्षा के प्रति ढुलमुल रवैया और बदहाल वयवस्था
Conclosion :
उम्मीद है की इस पोस्ट में RTE एक्ट 2009 के बारे में जानकी आप को अछि लगी होगी आगे और बेहतर एवं गुणवत्ता पूर्ण जानकारी के लिए अपना राय जरूर साझा करें
FAQs
Question : संविधान का आर्टिकल 21 क्या है? शिक्षा का अधिकार अधिनियम किस आर्टिकल के तहत प्रावधान क्या गया है
Ans : आर्टिकल 21 किसी भी नागरिक की सवतंत्रा और जीवन जीने के अधिकार से संबंधित है इसी आर्टिकल में सेक्शन A जोड़ कर शिक्षा का अधिकार अधिनियम का प्रावधान क्या गया है जिसे RTE Act -2009 के नाम से जाना जाता है
Question : आरटीई से आप क्या समझते हैं?
Ans :
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act) जिसमें 6 – 14 साल के बच्चों को फ्री एजुकेशन देने प्रावधान है
Question : RTE एक्ट कब लागू हुआ
Ans
1 अप्रैल 2010 को J & K को छोड़ पुरे देश में लागू हुआ
Question : RTE एक्ट के तहत कितने साल तक के बच्चों को शामिल क्या गया है
6-14 साल के बच्चों को शामिल क्या गया है विकलांगता की स्थिति में 6 -18 वर्ष
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