NCF 2005 in Hindi (राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा- 2005)
NCF 2005 in Hindi – राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005
हिंदी में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा कहते हैं यह एक पाठ्यचर्या या करिकुलम या दस्तावेज है जिसे प्रोफेसर यशपाल कमेटी की सिफारिश पर २००५ में NCERT के दुवारा तैयार क्या गया है जिसका का मुख्य उदेशय शिक्षा में सुधार करना, लर्निंग विथाउट बर्डन, शिक्षा दैनिक जीवन से जोड़ना, कर के सीखना , शिक्षा में एक्टिविटी को शामिल करना, एग्जाम का बोझ व् डर दूर करना और लचीला बनाना, मातृ भाषा को बढ़ावा देना आदि शामिल है जिस का चर्चा विस्तारित रूप से निचे किया गया है
पहली बार NCF 1975 में लाया गया, फिर 1988, 2000 और 2005 में और अब तक NCF-2005 का पालन किया जाता है लेकिन अब सरकार नए NCF के लिए काम कर रही है, उम्मीद है कि नई शिक्षा नीति 2020 आने के बाद सरकार जल्द ही पेश करेगी एक नया एन.सी.एफ
NCF NCERT द्वारा तैयार किया जाता है, NCF-2005 प्रोफेसर यश पाल समिति की रिपोर्ट की सिफारिश के आधार पर तैयार किया गया था जो 1993 में प्रस्तुत किया गया था। जिसका मुख्य उद्देश्य “बिना बोझ के सीखना” शिक्षा समझ और गतिविधि पर आधारित होनी चाहिए। ,परीक्षा बोझमुक्त और लचीली हो,रटकर सीखने की परंपरा खत्म हो,करके सीखने की आजादी हो,शिक्षा को वास्तविक जीवन से जोड़ा जाए,स्कूल में मदर लाउन्ज की अनुमति हो,गतिविधि करके लर्निंग हो.. .etc National Curriculum Framework 2005 मुख्य रूप से इसमें चीजों को जोड़ता है।
NCF Full Form
NCF Full form is National Curriculum Framework
For the first time NCF was brought in 1975, then in 1988, 2000, and 2005 and till now NCF-2005 is followed but now government is working for new NCF, it is expected that soon after New Education Policy 2020 comes Govt will soon introduce a new NCF
The Key Points of NCF-2005
- NCF is prepared by NCERT,
- The NCF-2005 was prepared based on the recommendation of the Professor Yash Pal Committee report which was submitted in 1993.
- The main objective of which is “Learning without burden”
- Education should be based on understanding and based on activity,
- Exams should be free from burden and flexible,
- The tradition of rote learning should end
- There should be freedom to learn by doing,
- Education should be connected to real life,
- Mother lounge should be allowed in the school,
- Learning by doing activity…etc
- National Curriculum Framework 2005 mainly adds things to it.
What is NCF 2005 – राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा- 2005 क्या है
NCF 2005 in Hindi – एनसीएफ, हिंदी में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा कहते हैं एनसीएफ राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 ( NCF 2005 – नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क ) यह एक दस्तावेज है जिसके आधार पर स्कूलों में शिक्षा कैसा हो उसका एक कंप्लीट रूपरेखा है यह पाठ्यचर्या या करिकुलम है यानी कि एक ऐसी दस्तावेज है जिसके आधार पर स्कूल में सभी तरह की गतिविधि को निर्देशित किया गया है बहुत सारे लोग कंफ्यूज होते होंगे पाठ्यचर्या और सिलेबस के बारे में यहां पर हम क्लियर कर दें कि पाठ्यचर्या या करिकुलम एक कंप्लीट रूपरेखा है जिसके आधार पर स्कूलों में शिक्षा प्रदान की जाती है जबकि सिलेबस उसका एक भाग मात्र है
इस पोस्ट में हम लोग NCF 2005 in Hindi में चर्चा करेंगे राष्ट्रीय पाठ्यचर्या 2005 के बारे में NCF – 2005 दस्तावेज प्रोफेसर यशपाल कमेटी के प्रशंसा के आधार पर 2005 में जारी किया गया था जिसका मुख्य उद्देश शिक्षा के भार को कम करना और बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा को उनके बाहरी जिंदगी से जोड़ कर दिया जाना है जिसका थीम “लर्निंग विदाउट बर्डन” पर आधारित है , NCF – 2005 मैं पूरा करिकुलम विस्तृत रूप से निर्देशित किया गया है NCF – 2005 एक प्रकार का गाइडलाइन है जिसके निर्देशानुसार एजुकेशन सिस्टम जिससे स्कूल चलता है इसमें सभी तरह के निर्देशों को विस्तार पूर्वक बताया गया है बच्चों को कैसे पढ़ाया जाए स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर कैसा हो टीचर कैसा हो पढ़ाई में इस्तेमाल किए जाने वाला भाषा यानी कि मात्रिभाषा में जोर इस तरह से बहुत ही विस्तृत पूर्वक सभी पैरामीटर्स को एक गाइडलाइन के तौर पर NCF – 2005 विस्तृत रूप से अपने दस्तावेज में दर्शाता है यानी कि आप कह सकते हैं कि बच्चों की शिक्षा में बेहतरी के लिए और शिक्षा के बोझ को कम करने के लिए और शिक्षा को बेहद आसान भाषा में उनके मात्रिभाषा में देने के लिए और उसे खेलकूद बाहरी जिंदगी से जोड़कर शिक्षा को इंटरेस्टिंग बनाने के लिए NCF – 2005 का मुख्य उद्देश्य के रूप में प्रस्तुत करता है
वैसे तो इससे पहले भी कई एनसीएफ आ चुके थे सबसे पहला एनसीएफ 1975 में लाया गया था फिर 1988, 2000 उसके बाद 2005 और अभी तक ncf-2005 को ही फॉलो किया जाता है लेकिन सरकार नई एनसीएफ के लिए कार्यरत है उम्मीद है कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 आने के बाद सरकार एक नया एनसीएफ बहुत जल्द ही प्रस्तुत करेगी एनसीएफ को एनसीईआरटी (NCERT) के द्वारा तैयार किया जाता है ncf-2005 को प्रोफेसर यशपाल कमेटी की रिपोर्ट जो 1993 में प्रस्तुत किया गया था उसी के सिफारिश के आधार पर तैयार किया गया था जिसका मुख्य उद्देश्य लरनिंग विदाउट बर्डन है यानी कि शिक्षा को बिना बोझ के और रटने की परंपरा को खत्म कर समझ पर आधारित और एक्टिविटी पर आधारित होनी चाहिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 इसी बात पर मुख्य रूप से जोड़ देता है
NCF -2005 के मुख्य पांच निर्देश, 5 गाइडिंग प्रिंसिपल ऑफ एनसीएफ 2005
NCF 2005 in Hindi में 5 गाइडिंग प्रिंसिपल ऑफ एनसीएफ 2005
- बच्चों की नॉलेज को रियल लाइफ और बाहरी जिंदगी से जोड़ना
- दूसरी बच्चों को किताबी जिंदगी तक ही सिमित नहीं बल्कि उनकी समझ टेक्सबुक से बाहर तक होनी चाहिए
- तीसरी बच्चों को एक मशीन की तरह नहीं बल्कि उसे एक फ्री एनवायरमेंट अच्छी समाज और एक डेमोक्रेटिक वैल्यू स्कूली एजुकेशन के दरमियान मिलनी चाहिए ताकि जब वह स्कूल से बाहर निकले तो उनकी एक अपनी अच्छे इंसान के तौर पर पहचान हो सके
- चौथी एग्जामिनेशन की बोझ को कम करना और एग्जाम के डर को मन से हटाना ताकि बच्चे दिमागी तौर पर बोझ फ्री हो सके और एग्जामिनेशन सिस्टम को फ्लैक्सिबल बनाना
- पांचवा शिक्षा को रटने की मेथड से बाहर निकाल कर के रचनावाद की सिद्धांत पर शिक्षा ग्रहण कर सकें बच्चे को रटने से दूर ले जाना और रियल लाइफ से कनेक्ट करना बच्चे को टेक्सबुक से बाहर निकाल कर रचनावाद और कर के सीखने की पद्धति को बढ़ावा देना एनसीएफ का मुख्य बातें
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 का मुख्य उद्देश्य
- शिक्षा के बोझ को कम करना लर्निंग विदाउट बर्डन
- NCF -2005 को प्रोफेसर यशपाल कमेटी की रिपोर्ट जो 1993 में प्रस्तुत की गई थी उसी को आधार बनाकर के शिक्षा में बेहतरी के लिए और शिक्षा के बोझ को कम करना शिक्षा को आसान बनाना और इंट्रेस्टिंग बनाना इसके उद्देश्य कमेटी की सिफारिश पर 2005 में एनसीएफ को तैयार किया गया था
- एनसीईआरटी के द्वारा NCF तैयार किया जाता है
- NCF -2005 चौथा एनसीएफ है इससे पहले 1975 1988 एवं 2000 में एनसीएफ लाया गया था
- NCF -2005 को तैयार करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था जिसका हेड प्रोफेसर यशपाल कर रहे थे इस कमेटी में 21 फोकस ग्रुप बनाए गए थे
- एनसीआर 2005 पहले की रिपोर्ट लर्निंग विदाउट बर्डन और नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 1986 से प्रेरित है
- NCF -2005 बच्चे की शिक्षा को उनके बाहरी जिंदगी से जोड़ने पर जोर देता है
- NCF -2005 बच्चों के शुरुआती शिक्षा मात्रिभाषा पर देने पर जोर देता है और बच्चे को रटने की पद्धति से हटाकर क्रिएटिविटी और शारीरिक शिक्षा खेलकूद आदि से जोड़कर शिक्षा देने की सलाह देता है
- NCF -2005 रचनावाद के सिद्धांत पर बेस्ड है रचनावाद उसे कहते हैं जिससे शिक्षा कर के सीखें यानी की एक्टिविटी कर के शिक्षा सीखना ही रचनावाद है जो बच्चे करके सीखते हैं ग्रुप में सीखते हैं समाज में सीखते हैं आपस में बातचीत करके खेलकूद करके सीखते हैं दूसरों के सहयोग से सीखते प्रोजेक्ट मेथड से सीखना प्रॉब्लम सॉल्विंग याने की समस्या का समाधान करके सीखना क्रिटिकल थिंकिंग को बढ़ावा देना आदि यानी कि रचनावाद रटने पर नहीं करके सीखने की पद्धति पर जोड़ देता है इसी करके सीखने की पद्धति को रचनावाद की पद्धति का जाता है
- रचनावाद की सिद्धांत का समर्थन वयगोत्स्की और प्याजे करते हैं
- NCF -2005 मैं बच्चे एक्टिव होता है और टीचर सुविधा दाता
- NCF -2005 की दस्तावेज की शुरुआत रविंद्र नाथ टैगोर की कविता की पंक्ति सिविलाइजेशन एंड प्रोग्रेस से शुरू किया गया है रविंद्र नाथ टैगोर की कविता की पंक्ति सभ्यता एवं विकास सिविलाइजेशन एंड प्रोग्रेस मैं दो मुख्य बात बताई गई है पहला यह कि बच्चे की शुरुआती शिक्षा मै शामिल होनी चाहिए क्रिएटिव स्प्रिट और दूसरा जनरस जॉय फुल होनी चाहिए यह दोनों बच्चों की बचपन की विशेषता को बताते हैं और शुरुआती एजुकेशन में भी इन दोनों चीजों को प्रमोट करना चाहिए
- रविंद्र नाथ टैगोर की कविता सिविलाइजेशन एंड प्रोग्रेस में दो मुख्य बातों पर प्रकाश डाला गया है पहला यह कि बच्चे के अंदर कुछ करने की क्षमता होती है कुछ नया करने की क्षमता होती है जिससे कि वह अपने अंदर की बात को बाहर ला सके दूसरा बच्चों के अंदर एक जॉय फुल माहौल होनी चाहिए जिससे शिक्षा बेहतर ढंग से और खुशी-खुशी बच्चे कर सकें
- NCF -2005 बच्चों के सर्वांगीक विकास हॉलिस्टिक डेवलपमेंट पर जोड़ देता है
- करिकुलम एक ऐसा विषय है जो हॉलिस्टिक अप्रोच का होनी चाहिए जिसमें शिक्षा के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए एक ऐसा करिकुलम तैयार होनी चाहिए जो चाइल्ड सेंटर हो बच्चों का सर्वांगीक जिसमें विकास हो एजुकेशन सिस्टम को इंटरेस्टिंग बनाया जाए शिक्षक को शिक्षण की पद्धति का अच्छी समझो हो,बच्चे के एजुकेशन को उनकी रियल जिंदगी से जोड़कर देखा जानी चाहिए बच्चे की एजुकेशन क्रिएटिविटी पर आधारित होनी चाहिए बच्चे की शुरुआती एजुकेशन में उनके मात्रिभाषा को भी बढ़ावा देनी चाहिए, एजुकेशन सिस्टम किताबों तक सीमित नहीं रह कर beyond the book होनी चाहिए जिस बच्चों की समझ विकसित हो शिक्षा ऐसा होनी चाहिए जिससे बच्चों की क्रिटिकल थिंकिंग प्रोबलम सॉल्विंग, कर के सीखने की क्षमता उसकी इंटरेस्ट के आधार पर कला का विकसित होना आदि शामिल होनी चाहिए
- एनसीआर मदरटंग में शिक्षा पर जोड़ देता है
- एनसीएफ थ्री लैंग्वेज फॉर्मूला को के सिद्धांत को प्रमोद करता है पहला मात्रिभाषा हिंदी या मातृभाषा दूसरी हिंदी हो सकती है या हिंदी मातृभाषा है तो इंग्लिश हो सकती है और तीसरी लैंग्वेज कोई भी मॉडल लैंग्वेज हो सकती है या इंग्लिश
- एनसीएफ बहुभाषिता सिद्धांत को प्रमोट करता है
Conclusion
एनसीएफ से हम लोगों ने क्या सीखा एनसीएफ-2005 प्रोफेसर यशपाल की कमेटी पर आधारित एक दस्तावेज है जो एजुकेशन सिस्टम को रटने की मेथड से हटाकर रियल लाइफ से जोड़ने उसे इंटरेस्टिंग बनाने बच्चों के बोझ को कम करने शिक्षण की व्यवस्था को बेहतर बनाने बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ावा देने टेक्सबुक से ध्यान हटाकर उन्हें बाहरी जिंदगी और रियल लाइफ से जोड़ने एग्जाम के बोझ को कम करने और उसे लचीला बनाने बच्चे का सर्वांगीक विकास और उसे एक बेहतर नागरिक बनाने आदि पर जोड़ देता है और एनसीएफ को एक दस्तावेज के रूप में सभी 22 भाषा में ट्रांसलेट किया गया इस से पूरे देश में एजुकेशन सिस्टम में बड़े बदलाव की उम्मीद की गई है और उम्मीद है कि आपको NCF 2005 in Hindi में यह जानकारी काफी यूज़फुल लगा होगा धन्यवाद।
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