दोस्तों इस आर्टिकल में हम बात करेंगे के Who is the First CM of Bihar , बिहार के पहले मुख्यमंत्री के बारे में ना केवल बिहार के पहले मुख्यमंत्री बलके बिहार में अभी तक कितने मुख्यमंत्री बने, उनका क्या इतिहास है, सबसे लंबा समय तक बिहार में कौन मुख्यमंत्री रहे, बिहार के पहले मुख्यमंत्री की आजादी की लड़ाई में क्या योगदान था, बिहार की सियासत में बिहार के पहले मुख्यमंत्री का क्या योगदान था, First CM of Bihar को और क्या क्या नाम से जाना जाता है इन सभी का पूरी जानकारी इस आर्टिकल में मिलेगा ये आर्टिकल बिहार के द्वारा आयोजित सभी प्रतियोगिता एग्जाम और बिहार के चाहने वाले के लिया काफी उपयोगी होगा
क्या आप जानते है आजादी से पहले राज्य के मुख्यमंत्री को क्या कहा जाता था ?
आजादी से पहले किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री कहा जाता था यह पहल अंग्रेजों की थी जब अंग्रेज को यह महसूस होने लगा कि अंग्रेजी सरकार में हिंदुस्तानियों को भी शामिल किया जाना चाहिए तो प्रांतों के जो हेट हुआ करते थे जिन्हें आज मुख्यमंत्री के नाम से जानते हैं आजादी से पहले उसे प्रधानमंत्री कहा जाता था इस कड़ी में हम लोग बिहार के पहले मुख्यमंत्री के बारे में विशेष रूप से चर्चा करेंगे और हम यह भी जानेंगे कि अभी तक बिहार में कितने मुख्यमंत्री हुए और वह किन-किन समुदाय का प्रतिनिधित्व करते थे उनके मुख्यमंत्री बनने की कहानी आदि पर विशेष चर्चा करेंगे
Who is the First CM of Bihar, बिहार तथा देश के आजादी में उनका योगदान
तो अब हम चर्चा करने जा रहे हैं बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिन्हा जिन्हें श्री कृष्ण सिंह के नाम से भी जाना जाता है
श्रीकृष्ण सिन्हा जी का जन्म 21 अक्टूबर 1987 को मुंगेर के एक जमींदार परिवार में पैदाइश हुआ था
1911 में वह पटना कॉलेज के छात्र रहे श्री कृष्ण सिन्हा एक राष्ट्रवादी नेता और भारत के आजादी में काफी सक्रिय भूमिका निभाएं
उन्होंने पटना कॉलेज से लॉ की पढ़ाई की फिर बाद में मुंगेर की एक अदालत में प्रैक्टिस करने लगे
बताया जाता है कि श्री कृष्ण सिन्हा अंग्रेजी हुकूमत से और अंग्रेजो से काफी नफरत क्या करते थे जब वह पटना कॉलेज के गंगा किनारे स्थित मिंटू हॉस्टल में रहा करते थे तो इसी दौरान जॉर्ज पंचम पटना आए थे वह गंगा के किनारे नौकायान में शामिल हुए बताया जाता है कि श्रीकृष्ण सिन्हा अंग्रेजी हुकूमत से इतना नफरत करते थे कि वे मिंटू हॉस्टल में एक कमरे में बंद रहे और उन्होंने खिड़की भी नहीं खोली ताकि अंग्रेजी हुकूमत के हुक्मरानों से आमना सामना ना हो जाए
तो आप समझ गए होंगे के Who is the First CM of Bihar जी हाँ हम First CM of Bihar , बिहार केसरी, श्री कृष्ण सिंहा के बारे में बात कर रहे है
आजादी की लड़ाई में श्री कृष्ण सिन्हा कैसे जुड़े और उनका योगदान , राजनीति में सक्रियता
बाद में श्री कृष्ण सिंह बाल गंगाधर तिलक और एनी बेसेंट के द्वारा चलाए जा रहे होमरूल आंदोलन से जुड़ गए और मुंगेर में ही रहकर किसानों के आंदोलन से जुड़े एवं सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेने लगे फिर बाद में श्री कृष्णा सिन्हा की मुलाकात यूपी के गाजीपुर के बड़े किसान नेता श्री सहजानंद सरस्वती से हुई श्री सहजानंद सरस्वती उस समय यूपी एवं बिहार के किसान नेताओं को एकत्र करने में लगे हुए थे इसी दौरान बिहार के सारण जिला में 1928 में किसानों की एक बैठक हुई इसी बैठक में बिहार प्रांतीय किसान सभा का गठन हुआ और श्रीकृष्ण सिन्हा को किसान सभा का सचिव बनाया गया बताया जाता है कि इसी के बाद वह प्रदेश स्तर पर एक बड़े नेता के तौर पर पहचाने जाने लगे
इतना ही नहीं वे राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं के साथ सक्रिय गतिविधि मैं शामिल होते रहे 1930 में जब महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन और दांडी मार्च के साथ अरब सागर के तट पर नमक कानून के विरोध में नमक बनाकर अपना विरोध दर्ज कराया तो देशभर के सभी कांग्रेसी नेता ने महात्मा गांधी के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की उस समय श्रीकृष्ण बाबू मुंगेर में महात्मा गांधी के समर्थन में नमक कानून के विरोध किया था और इसी विरोध में अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया
श्री कृष्ण सिन्हा आजादी के दीवाने नेताओं में से थे जिन्होंने आजादी की लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाई और बिना डर के बिहार में अंग्रेजो के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते रहे
श्रीकृष्ण सिन्हा एक अच्छे प्रशासक एवं आजादी से पूर्व बिहार राज्य से प्रधानमंत्री दो बार चुने जा चुके गए थे तब राज्यों में मुख्यमंत्री के बजाय प्रधानमंत्री हुआ करता था
बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिन्हा को एक कड़े प्रशासक एवं बिहार के निर्माता के रूप में जाना जाता है श्री कृष्णा बाबू का भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से काफी अच्छे रिश्ते थे और उन्हें वह एक अच्छे दोस्त के रुप में भी मानते थे जिनके सहयोग से श्रीकृष्ण सिन्हा जी ने बोकारो स्टील सिटी, बरौनी फर्टिलाइजर की फैक्ट्री, एवं धनबाद का औद्योगिक क्षेत्र का विकास पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी साथ अच्छे संबंधो के कारण सहयोग प्राप्त कर बिहार के विकास यात्रा को उन्होंने आगे बढ़ाने का काम किया
1947 में जब देश आजाद हुआ तो उस समय श्रीकृष्ण सिन्हा बिहार के प्रधानमंत्री हुआ करते थे और उसी वक्त बिहार का कांग्रेस अध्यक्ष महामाया प्रसाद हुआ करते थे महामाया प्रसाद और श्रीकृष्ण सिन्हा के बीच कई सारे मतभेद के किस्से हैं बताया जाता है कि जब देश आजाद हुआ था तो पटना लोन जो आज गांधी मैदान के नाम से जाना जाता है वहां पर देश के आजाद होने के बाद 1947 में पहली बार बिहार के प्रधानमंत्री श्रीकृष्ण सिन्हा ने नहीं बल्कि बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष महामाया प्रसाद सिन्हा ने झंडा फहराया था इस तरह से श्रीकृष्ण सिन्हा के बिहार के नेताओं के साथ समकालीन समय में कई मतभेद के किस्से हैं परंतु अपनी राजनीतिक समझ
एवं चतुराई से उन्होंने बिहार के सियासत में सभी समकक्ष नेताओं को मात देते हुए First CM of Bihar बने.
देश आजाद होने के बाद जब 26 जनवरी 1950 में देश का संविधान लागू हुआ तो श्रीकृष्ण सिन्हा ने पटना लोन यानि की आज का गांधी मैदान में झंडा पढ़ाया और 26 जनवरी 1950 का ही वह वक्त था जब भारत का संविधान लागू हुआ था उसके बाद से किसी भी राज्य के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री कहलाने लगे
पटना कॉलेज पटना यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ कोलकाता से हुई थी आजादी से पहले भी वह दो बार प्रधानमंत्री चुने गए थे बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिन्हा के साथ बिहार के पहले उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री के रूप में अनुग्रह नारायण सिंह उनके साथ देते रहें हालांकि कई मतभेद के किस्से श्री अनुग्रह नारायण सिंह एवं श्री कृष्ण बाबू के बीच हैं परंतु आजीवन अनुग्रह नारायण सिंह ने श्री कृष्णा का साथ देते रहे यह उनका राजनीतिक क दो था
क्या आप जानते है जब देश 15 अगस्त 1947 आजाद हुआ तो पटना के गांघी मैदान में पहली बार झंडा किसने फहराया था
तत्कालीन बिहार कांग्रेस परसिडेंट श्री महामाया प्रसाद ने पटना के गांघी मैदान में पहली बार 15 अगस्त 1947 में झंडा फहराया था
जबकि श्रीकृष्ण सिन्हा ने पटना के गांघी मैदान में 26 जनवरी 1950 में झंडा फहराया था
क्या आप जाने है पटना के गाँधी मैदान को पहले किस नाम से जाना जाता था
पटना लॉन गाँधी मैदान का पुराण नाम था गाँधी के पटना लॉन आगमन के बाद पटना लॉन, गाँधी मैदान नाम से जाने लगा
बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिन्हा की जीवनी (Biography of First CM of Bihar Shri Krishn Sinha)
- श्रीकृष्ण सिन्हा भूमिहार जाति से ताल्लुक रखते थे
- जिन का योगदान बिहार के राजनीति एवं भारत की आजादी के लिए अतुल्य है
- उन्होंने बिहार को आजादी के बाद नई दिशा देने का काम किया है
- श्री कृष्ण बाबू को बिहार केसरी के नाम से भी जाना जाता है
- वे शेखपुरा कांस्टीट्यूएंसी से आते थे
- 26 जनवरी 1950 से 31 जनवरी 1961 तक 11 वर्ष 5 दिन वे आजाद बिहार के मुख्यमंत्री रहे
- वह एक लॉयर, राष्ट्रवादी, स्टेटमेंट, एजुकेशनिस्ट, एडमिनिस्ट्रेटर आदि के रूप में अपना जीवन का योगदान बिहार को दिया
- श्री कृष्ण बाबू का जन्म : 21 October 1887, Sheikhpura, बिहार, में हुआ था
- श्री कृष्ण बाबू का 31 जनवरी 1961 में पटना में उनका देहांत हो गया
बिहार के अभी तक के मुख्यमंत्री और उनका कार्यकाल
Serial | Bihar CM | From | To | Party |
1 | Sri Krishna Sinha | 2-Apr-46 | 31-Jan-61 | INC |
2 | Deep Narayan Singh | 1-Feb-61 | 18-Feb-61 | INC |
3 | Binodanand Jha | 18-Feb-61 | 2-Oct-63 | INC |
4 | K. B. Sahay | 2-Oct-63 | 5-Mar-67 | INC |
5 | Mahamaya Prasad Sinha | 5-Mar-67 | 28-Jan-68 | Jana Kranti Dal |
6 | Satish Prasad Singh | 28-Jan-68 | 1-Feb-68 | INC |
7 | B. P. Mandal | 1-Feb-68 | 2-Mar-68 | INC |
8 | Bhola Paswan Shastri | 22-Mar-68 | 29-Jun-68 | INC |
9 | President’s Rule | 29-Jun-68 | 26-Feb-69 | N/A |
10 | Harihar Singh | 26-Feb-69 | 22-Jun-69 | INC |
11 | Bhola Paswan Shastri | 22-Jun-69 | 4-Jul-69 | INC |
12 | President’s Rule | 6-Jul-69 | 16-Feb-70 | N/A |
13 | Daroga Prasad Rai | 16-Feb-70 | 22-Dec-70 | INC |
14 | Karpoori Thakur | 22-Dec-70 | 2-Jun-71 | Socialist Party |
15 | Bhola Paswan Shastri | 2-Jun-71 | 9-Jan-72 | INC |
16 | President’s Rule | 9-Jan-72 | 19-Mar-72 | N/A |
17 | Kedar Pandey | 19-Mar-72 | 2-Jul-73 | INC |
18 | Abdul Gafoor | 2-Jul-73 | 11-Apr-75 | INC |
19 | Jagannath Mishra | 11-Apr-75 | 30-Apr-77 | INC |
20 | President’s Rule | 30-Apr-77 | 24-Jun-77 | N/A |
21 | Karpoori Thakur | 24-Jun-77 | 21-Apr-79 | Janata Party |
22 | Ram Sundar Das | 21-Apr-79 | 17-Feb-80 | Janata Party |
23 | President’s Rule | 17-Feb-80 | 8-Jun-80 | N/A |
24 | Jagannath Mishra | 8-Jun-80 | 14-Aug-83 | INC |
25 | Chandrashekhar Singh | 14-Aug-83 | 12-Mar-85 | INC |
26 | Bindeshwari Dubey | 12-Mar-85 | 13-Feb-88 | INC |
27 | Bhagwat Jha Azad | 14-Feb-88 | 10-Mar-89 | INC |
28 | Satyendra Narayan Sinha | 11-Mar-89 | 6-Dec-89 | INC |
29 | Jagannath Mishra | 6-Dec-89 | 10-Mar-90 | INC |
30 | Lalu Prasad Yadav | 10-Mar-90 | 28-Mar-95 | Janata Dal |
31 | President’s Rule | 28-Mar-95 | 4-Apr-95 | N/A |
32 | Lalu Prasad Yadav | 4-Apr-95 | 25-Jul-97 | Janata Dal, Rashtriya Janata Dal |
33 | Rabri Devi | 25-Jul-97 | 11-Feb-99 | Rashtriya Janata Dal |
34 | President’s Rule | 11-Feb-99 | 9-Mar-99 | N/A |
35 | Rabri Devi | 9-Mar-99 | 2-Mar-2000 | Rashtriya Janata Dal |
36 | Nitish Kumar | 3-Mar-2000 | 3-Mar-2000 | Samata Party |
37 | Rabri Devi | 11-Mar-00 | 6-Mar-05 | Rashtriya Janata Dal |
38 | President’s Rule | 7-Mar-05 | 24-Nov-05 | N/A |
39 | Nitish Kumar | 24-Nov-05 | 26-Nov-10 | Janata Dal (United) |
40 | Nitish Kumar | 26-Nov-10 | 20-May-14 | Janata Dal (United) |
41 | Jitan Ram Manjhi | 20-May-14 | 22-Feb-15 | Janata Dal (United) |
42 | Nitish Kumar | 22-Feb-15 | 20-Nov-15 | Janata Dal (United) |
43 | Nitish Kumar | 20-Nov-15 | 16-Nov-20 | Janata Dal (United) |
44 | Nitish Kumar | 16-Nov-20 | 9-Aug-22 | Janata Dal (United) |
45 | Nitish Kumar | 10-Aug-22 | Present | Janata Dal (United) |
FAQs
सवाल: Who is the First Deputy CM of Bihar
जवाब : श्री अनुग्रह नारायण सिंह
सवाल : बिहार के पहले वित्यमंत्री कोन थे
जवाब : श्री अनुग्रह नारायण सिंह
सवाल : गाँधी मैदान का पहले नाम क्या था
जवाब : पटना लॉन
सवाल : बिहार केसरी के नाम से किन्हें जाना जाता है?
श्री कृष्ण सिन्हा
Conclusion : उम्मीद है की आप को इस आर्टिकल में Who is the First CM of Bihar इस सवाल के जवाब के साथ साथ बिहार केसरी कहे जाने वाले First CM of Bihar श्री कृष्ण सिन्हा में जानकारी अच्छी होगी और बिहार CM और उनके कार्यकाल से आप को लाभ मिलेगा आप अपनी फीडबैक जरूर शेयर करें
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